शुरुआत हमारी कॉफी गिरने से हुई...
लड़का के कपड़े गंदे हुए...
उस ने डांट लगाई...
और में गुस्सा हुई...
गुस्सा दोस्ती में बदला...
दोस्ती प्यार में...
में रेस्टोरेट्स में जॉब करती थी वहा एक लड़का भी जॉब करता था।
वो बहुत कम बात करता था और पूरे दिन काम करता था।
वह अपनी मस्ती में मस्त रहता था ।
वो लड़का किसी लडकी से बात नहीं करता था और ना देखता किसी की तरफ बस अपने काम से काम रखता था।
एक दिन रेसटोरेंट्स में काम बहुत कम था तो सर ने सब से बोल दिया कि जो छुट्टी लेना हो तो ले सकता है । सब चले गए में नहीं गई क्यों की में वहा से हीं शाम को train ले के घर जाना था। में ने देखा वो लड़का भी नहीं गया था ।
कुछ समय बैठे रहने के बाद में बोर होने लगी में ने उस लड़का की तरफ देखा वो एक किताब पढ़ रहा था।
में उस के पास गई वो सकपका गया मेरे को अपने पास देख के ।
में ने पूछा कौनसी किताब पढ़ रहे हो उस ने दवी सी आवाज से वोला History पढ़ रहा हूं।
में ने पूछा क्या में बैठ सकती हूं यहां उस ने हा बोल दिया।
में चुपचाप उस को देखती रही वो अपनी किताब में व्यस्त था।
में ने सोचा ये तो बात करेगा नहीं में ही कर लू
में ने पूछा कहा रहते हो तुम उस ने वोला जहा जगह मिल गए वहा ही रह लेता हूं।
में कुछ समझी नहीं थी उस की बात को
में ने फिर पूछा तुम्हारी family कहा रहती है ।
उस ने एक दम किताब बंद कर दी में दर गई और उस ने मेरी तरफ देखा और उपर इसारा किया ।
में कुछ समझ नहीं पा रही थी उस की बातो को।
उस की आंखो से आंसू निकल आए थे ।
फिर उस ने वोला में जब 9 साल का तो एक कार एक्सिडेंट में मेरे पूरे परिवार की मृत्यु हो गई थी हम 4 लोग थे अकेला में ही बचा था।
पेट की खातिर मेरे को काम देखना पड़ा पर किसी ने भी कुछ काम नहीं दिया
4-4 दिन बिना खाए हो जाते थे कोई कुछ दे देता तो में खा लेता नहीं तो पानी पी के दिन निकाल लेता था।
फिर में ने गली गली कचरा उठाने के का काम किया उस से एक समय का खाना मिल जाता था।
में एक टक उस की तरफ देखती रही और उस की बात सुनती रही ।
फिर एक दिन एक अंकल ने देखा मेरे को तो उन ने मेरी यहां बात करा दी काम के लिए
जब से में यहां ही काम करता हूं।
में ने पूछ लिया तुम ये किताब क्यों पढ़ रहे हो उस ने कहा
मेरा ज़िन्दगी में एक उद्देश्य है कि कोई भूखा ना सोए।
में एक IAS बनना चाहता हूं।
तभी वहा सर आए और बोले तुम चले जाओ दोनों घर आज कोई नहीं आएगा आंदोलन के कारण बंद है पूरा शहर।
ये सुन के उस के चहरे पर मायूसी सी आ गई
में ने पूछा तुम कहा रहते हो उस ने अपना घर का पता बताया ।
में ने बोला मेरी आज शाम की ट्रेन है और उस से पहले में कहा रुकुगी समझ नहीं आ रहा मेरे को तो ।
वो कुछ नहीं बोला और जाने लगा ।
में ने उस को आवाज लगाई और बोली क्या शाम तक में तुम्हारे साथ रह सकती हूं।
उस ने वोला आप ना चलो आप नहीं रह पाओगी मेरे घर पर
में एक पार्क में ही अकेली चली गई और वो अपने घर चला गया
में पूरे समय बस उस के बारे में ही सोचती रहीं और उस की बातो ने दिल और दिमाग में एक अलग सी जगह बना ली थी।
दूसरे दिन रेसटोरेंट्स में आए उस के चहरे पर हल्की मुस्कान जो उस के गमो को पिका कर रही थी ।
और अपनी मस्ती में पहले की तरफ काम करना और खाली समय में किताब पढ़ना
जब वो किताब पढ़ रहा होता तो उस का काम में ही कर देती थी ।
मेरे को अंदर से ही उस के प्रति अलग की भावना पैदा हो गई थी।
में उस को सब से ज्यादा आदर देने लगी थी
और मेरे को उस के प्रति लगाव भी बहुत होने लगा था।
एक दिन हमारी छुट्टी थी तो में अपनी दोस्त के साथ स्कूटी से बाजार निकली थी।
उस का घर जो उस ने पता बताया था वहा ही पास में तो तो में अपनी दोस्त से बोली उधर की तरफ जाने को
हम दोनों ने अपना चेहरा डक रखा था हम दोनों उस के घर की तरफ चले गए ।
एक टूटा फूटा मकान उस की छत को देख के लगे की बारिश में पानी आता होगा
मेरी आखों से आसू निकल आए और में वहा से चली गई
मेरे को उस से बहुत लगाव हो गया था पर उस के लिए में कुछ नहीं थी।
में उस से पहले आ जाती उस का उस को देखती रहती
और उस से किसी ना किसी तरह बात करने की कोशिश करती रहती उस के पास जाने का हर मौका देखती ।
उस के साथ अपना खाना शेयर करती और में उस के लिए अपने हाथो से खाना बना के लाती ।
कुछ साल बाद भी वो मेरी याद में था और में ने एक दूसरे शहर में अनाथाश्रम खोल लिया था ।
में एक एनजीओ में काम करने लगी गरीब बच्चो के लिए
कुछ साल बाद हम ने गरीब बच्चो के लिए एक प्रोग्राम किया हम को जगह की जरूरत थी ।
हम ने एक पार्क में करने का सोचा उस की परमिशन लेने में
कलेक्टर ऑफिस पहुंच गई ।
कलेक्ट के PA ने हम को इजाजत नहीं दी कलेक्टर से मिलने की
में कलेक्टर के पास पहुंच गई में ने देखा सामने रोहित था हम दोनों में बात हुई और में ने अथिति के लिए रोहित हो आमन्त्रित कर दिया
उस ने स्वीकार कर लिया वो प्रोग्राम में अथिति के रूप में आया और हमारे एनजीईओ को 10 लाख का चेक दे के चला गया।
फिर हमारी मुलतात होती बात होती रहती थी
एक दिन मेरे पापा ने मेरी एक book देख ली उस में उस के प्रति प्यार का एहसास करना पर रोहित को ना बोलना ऐसे बहुत बाते लिखी थी।
मेरे पापा रोहित के पास गए और उन ने ये सब रोहित को बताई और मेरी शादी पक्की कर दी
मेरे को इस बारे में नहीं पता था की वो रोहित है। में ने मना कर दी शादी की
पर जब पता लगा कि वो रोहित है और कोई नहीं तो में मान गई
आज तक हम खुश है
I Love You ❤❤
Thank you....
Subscribe for more....
Business Enquiry :-
heartbeatinlove99@gmail.com
Ishita
Follow me on Facebook :-
HBL - Heart Beat In Love
HBL - Heart Beat In Love



No comments:
Post a Comment